
कानपुर। परिषदीय विद्यालयों में नए सत्र की शुरुआत के साथ ही ज्यादा से ज्यादा बच्चों के नामांकन का अभियान चलाया जा रहा है। अब बेसिक शिक्षा विभाग 16 अप्रैल से को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के नामांकन के लिए बालवाटिका अभियान (सुनहरी शुरुआत बालवाटिका के साथ) शुरू करने जा रहा है। अभियान 29 अप्रैल तक चलेगा। अभियान का उद्देश्य को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों को बालवाटिका के रूप में विकसित कर पूर्व प्राथमिक शिक्षा को सशक्त बनाना है। सामुदायिक सहभागिता से 3-6 साल के बच्चों को बालवाटिका में भेजने के लिए माता-पिता और समुदाय को प्रेरित भी किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के आदेश के अनुसार जो बच्चे 6 साल के नीचे होंगे उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रवेश दिलाया जाएगा यही बच्चे आगे चलकर प्राथमिक विद्यालयों में छात्र नामांकन दर में वृद्धि करने का कार्य करेंगे। इस अभियान के तहत 16-17 अप्रैल को जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में प्राथमिक स्तर के बच्चों के समर्थन से एक प्रभात फेरी व रैली निकाली जाएगी। 18 से 21 अप्रैल के बीच विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। 3 वर्ष से लेकर 6 वर्ष से कम आयु वाले सभी बच्चों को बाल वाटिका से जोड़ा जाएगा। को-लोकेटेड आंगनबाडी वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापक का यह दायित्व होगा कि वे दिवसवार निर्धारित गतिविधियों पर आंगनबाडी कार्यकत्री एवं सुपरवाइजर के साथ मिलकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते हुए कार्यक्रम आयोजित कराने में मदद करेंगे। नोडल शिक्षक संकुल राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा प्रेषित कार्यकम के अनुसार प्रत्येक गतिविधि को सम्मिलित करने हेतु प्रधानाध्यापक, नोडल अध्यापक को कार्यक्रम आयोजन हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। आंगनबाडी कार्यकत्री का सहयोगः आंगनबाडी कार्यकत्री नामांकित बच्चों के अभिभावकों एवं समुदाय से संपर्क करते हुए अभियान में उनकी प्रतिभागिता सुनिश्चित करेंगी।