Friday, August 22, 2025
Homeक्राईम स्टोरीयूपी एटीएस से गिरफ्तारी के बाद बेनकाब हुआ छांगुर बाबा का 100...

यूपी एटीएस से गिरफ्तारी के बाद बेनकाब हुआ छांगुर बाबा का 100 करोड़ का “धर्मांतरण रैकेट”

विदेशी फंडिंग से तैयार हुआ करोड़ों का धर्मांतरण नेटवर्क यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान में फैला था संगठित गिरोह

📢Bureau Report Lucknow

लखनऊ/बलरामपुर। यूपी एटीएस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में अवैध धर्मांतरण रैकेट का बड़ा खुलासा हुआ है। बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र से संचालित इस नेटवर्क के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में सामने आया है कि बाबा ने गरीब और असहाय हिंदू युवतियों का ब्रेनवॉश कर उन्हें इस्लाम धर्म में शामिल कराया और इसके बदले लाखों रुपये की विदेशी फंडिंग प्राप्त की।एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, छांगुर बाबा और उसके साथियों ने 40 से अधिक फर्जी बैंक खाते, लगभग 100 करोड़ रुपये का लेन-देन, और विदेश से करोड़ों की फंडिंग के जरिए तीन राज्यों—उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान—में धर्मांतरण का संगठित रैकेट खड़ा किया। गैंग के सदस्य 40 से ज्यादा बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं।

ब्राह्मण या क्षत्रिय लड़की पर 16 लाख, पिछड़ी पर 12 लाख—धर्म परिवर्तन की रेट लिस्ट भी तय थी

खुलासे में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हिंदू लड़कियों को जाति के आधार पर इस्लाम धर्म में परिवर्तित करने की रेट लिस्ट तय थी।

  • ब्राह्मण, क्षत्रिय या सरदार लड़कियों पर 15-16 लाख
  • पिछड़ी जाति की लड़कियों पर 10-12 लाख
  • अन्य जातियों की युवतियों पर 8-10 लाख

इन लड़कियों को प्रेमजाल, झूठे नाम, मुकदमे में फंसाने की धमकी या आर्थिक मदद का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था।

दरगाह, पुस्तक और प्रोपेगेंडा: ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ से चलती थी ब्रेनवॉश मुहिम

छांगुर बाबा ने बलरामपुर के मधपुर गांव में चांद औलिया दरगाह के पास डेरा जमा रखा था। वहीं से धर्मांतरण की सारी स्कीमें चलाई जाती थीं। इस गैंग ने ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नामक पुस्तक के जरिए इस्लाम का प्रचार-प्रसार कर युवाओं का माइंडसेट बदला।मुंबई से आए नवीन रोहरा और नीतू रोहरा को भी धर्म परिवर्तन कराकर जमालुद्दीन और नसरीन नाम दिया गया, जो इस रैकेट के सक्रिय चेहरे बन गए।

बाबा से मिलने खड़े हो जाते थे अफसर: साठगांठ का सबूत

जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा ने जजों, एसपी, डीएम और कोर्ट क्लर्क तक से करीबी संबंध बना रखे थे।

पुणे में खरीदी गई करोड़ों की प्रॉपर्टी बलरामपुर सीजेएम कोर्ट के क्लर्क राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता देवी के नाम कर दी गई थी।

यह कथित रूप से प्रशासनिक दबाव में शिकायतों को दबाने और केस उलझाने में मदद करते थे।

बाबा के रसूख का आलम ये था कि विरोध करने वाले लोगों पर उल्टे मुकदमे दर्ज होने लगे थे।

तीन बीघे की कोठी, लग्जरी कारें, सीसीटीवी और करंट वाली फेंसिंग

2015 में साइकिल से नग-रत्न बेचने वाला यह व्यक्ति अब करोड़ों की संपत्तियों का मालिक है। उतरौला में उसकी तीन बीघे में बनी कोठी किसी किले से कम नहीं है। सुरक्षा में सीसीटीवी, इलेक्ट्रिक फेंस और खूंखार कुत्तों का इंतजाम किया गया है। मुंबई, पुणे और राजस्थान में प्रॉपर्टी खरीद कर उसने अपना नेटवर्क मजबूत किया।

धोखा, फंडिंग और धर्मांतरण का संगठित खेल

गैंग में छांगुर बाबा के अलावा महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी (कथित पत्रकार), सगीर, नीतू रोहरा उर्फ नसरीन आदि शामिल हैं।ये सभी गरीब, दलित और परेशान युवतियों को टारगेट करते थे। जो लड़की मना करती, उसे मुकदमे और जेल की धमकी दी जाती थी।

नोट: यूपी एटीएस ने 16 नवंबर 2024 को केस दर्ज कर लंबी छानबीन के बाद जुलाई 2025 में छांगुर बाबा और नसरीन को गिरफ्तार किया। अब संपत्ति, फंडिंग, बैंक खातों और विदेश कनेक्शन की जांच तेजी से जारी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!