
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो, कानपुर। उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति में राज्य के कोटेदार कंट्रोल चलाने वाले लोग भी पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। राशन सुशासन के नाम पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2022 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी, अब इसी राशन में मौरंग का खेल चल रहा है। कानपुर से एक कोटेदार की जो रिपोर्ट मिल रही है उसके मुताबिक राशन में बड़े पैमाने पर मौरंग और अन्य चीजें मिलाकर उसका वेट बढ़ाया जा रहा है और शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जहां इस भ्रष्ट तंत्र में आम आदमी की कहीं सुनी नहीं जा रही है तो अब शिकायतकर्ताओं ने कानपुर के अंदर भ्रष्ट अधिकारियों के मुंह पर अपनी खबरों से तमाचा जड़ने वाले अखबार स्वराज इंडिया को सटीक इनपुट दिए हैं।

पश्चिम कानपुर के कल्यानपुर बारासिरोही वार्ड 19 में कोटेदार अरुण मिश्रा के ऊपर राशन लाभार्थियों ने गेहूं में मौरंग मिलाकर देने का आरोप लगाया है। उनके यहां राशन लेने वाले लोगों के द्वारा जब अपने घरों में गेहूं को धोया गया तो उसमें भारी मात्रा में मौरंग निकली है जिसके वीडियो और फोटो भी उपलब्ध हैं। सबूतों के आधार पर जब स्वराज इंडिया संवाददाता के द्वारा कोटेदार अरुण मिश्रा से संपर्क साधा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि गेहूं में मौरंग ऊपर से आ रही है उन्होंने गेहूं में मौरंग भेजने का आरोप सीधे-सीधे फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआई) पर मढ़ दिया। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि उन्होंने इस विषय की शिकायत लिखित तौर पर डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफीसर (डीएसए) को दी है। जब स्वराज इंडिया की टीम के द्वारा कल्यानपुर क्षेत्र के तमाम कोटेदारों से संपर्क साधकर उनके यहां भी आने वाले गेहूं में मौरंग पाए जाने की पड़ताल की तो उनके द्वारा इस बात को सीधे तौर पर नकार दिया गया। इससे यह सवाल सीधे तौर पर निकल कर आ रहा है कि क्या गेहूं में मौरंग केवल अरुण मिश्रा के कोटे में निकल रही है जबकि जिले के अंदर सभी कोटों में जो गेहूं आता है वह एक ही गोदाम से आता है।
शिकायतकर्ताओं के आरोप, कई बार शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ
शिकायतकर्ता कपिल सिंह के अनुसार कोटेदार अरुण मिश्रा लंबे समय से गेहूं में मौरंग मिलाकर दे रहे हैं जब-जब कपिल सिंह के द्वारा इस बात का विरोध किया गया तो कोटेदार अरुण मिश्रा के द्वारा उनके साथ अभद्रता करते हुए यह बात बोल दी गई कि तुमको जो करते बन कर लो हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा हम लंबे समय से कोटा चला रहे हैं। कपिल सिंह ही वह व्यक्ति है जिन्होंने अरुण मिश्रा के कोटे के अंदर घुसकर वीडियो बनाया जिसमें यह साफ तौर पर नजर आ रहा है कि गेहूं में मौरंग मिली हुई है। कपिल सिंह के द्वारा इस बात की शिकायत आईजीआरएस के तौर पर भी की गई है।
इसी तरह से दूसरे शिकायतकर्ता शिवम सिंह कहते हैं कि जब सरकार के द्वारा कोटेदारों को ऐसा तराजू उपलब्ध कराया गया जिसमें घटतौली मुमकिन नहीं है तो कोटेदारों के द्वारा चोरी छुपे गेहूं की बोरी से कई किलो गेहूं निकालकर उतनी ही मात्रा में मौरंग और मिट्टी उसमें मिला दी जाती है और उसी मिलावटी राशन को बांट दिया जाता है। शिवम सिंह का अरुण मिश्रा पर आरोप है कि उनके द्वारा प्रत्येक राशन लाभार्थी को 2 किलो कम राशन दिया जाता है और जिस बर्तन से यह राशन भरते हैं उस बर्तन की वजह से जब इस राशन की कोटे से बाहर हटकर तौल करी जाती है तो वह डेढ़ किलो और काम निकलता है इस हिसाब से प्रत्येक राशन लाभार्थी को सीधे-सीधे साढ़े तीन किलो राशन अरुण मिश्रा कम दे रहे हैं और उसमें भी मौरंग मिली हुई है।