
- उम्मीद के अनुसार नहीं गर्म हो पाया गर्म कपड़ों का बाजार
- माल स्टॉक करने वाले व्यापारियों को सताने लगी पूंजी फंसने की चिंता
- दुकानदारों को ठंड का बेसब्री से इंतजार
स्वराज इंडिया संवाददाता
(कानपुर)। दिसंबर माह की शुरुआत तो हो गई लेकिन ठंड के तेजी न पकड़ पाने के कारण गर्म कपड़ो के बाजार में अभी गर्माहट नहीं आई है। गर्म ऊनी माल का स्टॉक करने वाले छोटे- बड़े दुकानदारों को अब चिंता सताने लगी है। दुकानदारों की माने तो दिसम्बर शुरू होते ही गर्म कपड़ो की डिमांड ज्यादा बढ़ जाती थी। लेकिन मौसम की मार से इस बार गर्म कपड़े का बाजार बेजार हो गया है। कम सर्दी की वजह से गर्म कपड़े के बाजार में उस हिसाब से गर्माहट नहीं आ पाई है। गर्म कपड़ो की बिक्री भी कम है। सीजन की शुरुआत में सर्दी नहीं रहने से ऊनी कपड़ो की बिक्री न के बराबर हुई है। छोटे-बड़े दुकानदारो के यहाँ हजारों से लाखों तक ऊनी कपड़े दुकानो और गोदामो में पड़े हैं। ऊनी कपड़ो की बिक्री कम होने से मोटी पूंजी फंसने के कारण होलसेल व्यापारी के लेकर फुटकर दुकानदार तक काफ़ी चिंतित हैं। रेडीमेड कपड़ों की दुकानों व शो रूम में गर्म कपड़ो के ग्राहकों की भीड़ कम है। त्योहार के बाद अब शादी – विवाह के दिन चल रहे हैं। दुकानदारों ने बताया कि इस बार सहालग तेज है।नवम्बर माह में काफ़ी अच्छा काम हुआ।लेकिन ऊनी कपड़े की बिक्री में कोई खासा असर नहीं दिखाई दिया। छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों को अब ठंड का बेसब्री से इंतजार है। ताकि स्टॉक किया हुआ गर्म माल बिक सके।
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इलेक्ट्रिक उपकरणों की बिक्री भी कम
बिल्हौर कस्बे के एमके लाइट हाउस के मालिक ने बताया कि इस बार न के बराबर ठंड पड़ रही है। यही वजह है कि इलेक्ट्रिक सामान में सर्दियों में सबसे ज्यादा बिकने वाला रूम हीटर, ब्लोअर, गीज़र आदि की बिक्री बहुत कम हुई है। हम लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं शायद आगे सर्दी पड़े तो माल बिके नहीं तो भारी नुकसान होगा।
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कंबल से लेकर टोपा मोजा की माँग कम
बिल्हौर के जीटी रोड़ स्थित गिरजा शंकर वस्त्र भंडार के प्रोपराइटर ने बताया कि कम ठंड की वजह से ऊनी कंबल शाल आदि अन्य कपड़ों की माँग 50 फीसदी तक प्रभावित है। वहीं दुकानदार नरेश ने बताया कि ऊनी मोज़े, टोपे, मफरल, इनर आदि की डिमांड सर्दी कम पड़ने पर बहुत कम है। हजारों का सामान अभी खोला तक नहीं है। वह अभी गत्तों में ही भरा है।
