Friday, August 22, 2025
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“मामा अकेले उड़ चले, मामी को छोड़ गए गिरनार!”

"कार्यक्रम में उलझे मामा, मामी रह गईं पीछे — सादगी और मानवीयता की मिसाल बने शिवराज सिंह चौहान"

कार्यक्रम में व्यस्त शिवराज सिंह चौहान पत्नी को भूले, फ्लीट घुमाकर फिर साथ लाए

राजनीति के ‘मस्तमौला मामा’ की जमीन से जुड़ी सादगी फिर दिखी, अब मामी संग सफारी और दर्शन का लुत्फ़

स्वराज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो

राजकोट/भोपाल। कभी किसानों की समस्याओं पर भावुक हो जाने वाले, तो कभी बेटियों के लिए ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ शुरू कर उन्हें आशीर्वाद देने वाले — मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान उर्फ़ ‘मामा’ एक बार फिर सोशल मीडिया और खबरों की सुर्खियों में हैं।लेकिन इस बार वजह कोई चुनावी बयान या नीति नहीं, बल्कि उनकी ‘मानवीय भूल’ और निश्छल सादगी है, जो अब जनता के बीच मुस्कुराहट और अपनापन की वजह बन गई है।

जूनागढ़ में कार्यक्रम, मामी चलीं गिरनार — मामा हुए इतने व्यस्त कि पत्नी को ही भूल गए

जूनागढ़ में कार्यक्रम, मामी चलीं गिरनार — मामा हुए इतने व्यस्त कि पत्नी को ही भूल गए गुजरात के दौरे पर गए शिवराज सिंह चौहान कल जूनागढ़ में आयोजित ‘लखपति दीदी योजना’ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान वे ग्रामीण महिलाओं से संवाद में इतने मग्न हो गए कि यह ध्यान ही नहीं रहा कि उनकी पत्नी साधना सिंह पास ही स्थित गिरनार पर्वत के दर्शन के लिए निकल चुकी थीं और लौटकर प्रतीक्षालय में उनका इंतजार कर रही थीं।इधर कार्यक्रम के बाद मामा को राजकोट एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़नी थी, लेकिन वह अकेले ही सरकारी फ्लीट के साथ राजकोट के लिए रवाना हो गए। आधे रास्ते पर अचानक उन्हें पत्नी की याद आई — और फिर क्या था, तुरंत काफिला यू-टर्न ले वापस गया।

पत्नी प्रतीक्षालय में कर रहीं थीं इंतज़ार — मामा बोले, “मानव हूँ, भूल हो गई”

जब फ्लीट वापस लौटा, तब तक साधना सिंह इंतज़ार करते हुए शांत भाव से बैठी थीं। लोगों के मुताबिक मामा ने मुस्कुराते हुए अपनी गलती मानी और कहा, “मैं भी इंसान हूँ, भूल हो गई। अब मामी को साथ लेकर ही जाऊंगा।”यह वाकया जैसे ही सामने आया, लोगों ने इसे ‘मामा की मासूमियत’ के तौर पर लिया और सोशल मीडिया पर मीम्स, चुटकुले और सराहना का दौर शुरू हो गया। एक यूज़र ने लिखा — “मामा असली हैं, VIP नहीं, घर की भी उतनी ही फिक्र है जितनी जनता की।”

सफारी, मंदिर दर्शन के बाद फिर लौटी मामा-मामी की पुरानी मस्ती

गुजरात दौरे के शेष कार्यक्रमों में अब मामी भी साथ थीं। दोनों ने साथ में जंगल सफारी की सैर की, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर दर्शन किए और लोगों से आत्मीय संवाद भी किया।राजनीतिक हलकों में शिवराज सिंह की ये ‘जमीन से जुड़ी छवि’ उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाती है। अपने सीधेपन, विनम्रता और पारिवारिक जुड़ाव के चलते वे न केवल भाषणों में लोकप्रिय हैं, बल्कि व्यक्तिगत व्यवहार में भी जनता के दिलों में गहरी जगह रखते हैं।

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