
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर महापौर पर शहर का सौहार्द बिगाड़ने का आरोप मढ़ा है
मेयर ने कहा कि मैं भी अपना लेटर मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर को भेज रही हूं। अब वो बताएंगे कि कैसे मंदिर खाली होंगे
मुख्य संवाददाता स्वराज इंडिया
कानपुर । महानगर कानपुर सालों से बंद पड़े हिंदू मंदिरों को खोलने का मामला सियासी रंग लेता नजर आ रहा है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर महापौर पर शहर का सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है। महापौर प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा लगाए गए सौहार्द बिगाड़ने की बात का खुलकर विरोध करते हुए कहा कि अब कानूनी कार्रवाई होगी और मंदिरों में जिन्होंने कब्जा किया है, उनको जेल भिजवाऊंगी। इससे विवाद गहराता जा रहा है।
मेयर ने कहा कि मैं अपना लेटर मंडलायुक्त और पुलिस कमिश्नर को भेज रही हूं। अब वो बताएंगे कि कैसे मंदिर खाली होंगे। मंदिर हर हाल में ढूंढकर रहूंगी, जिसको जो करने बने वो कर ले। दरसल उलमा अहले सुन्नत मशावर्ती बोर्ड में लिए गए फैसले के तहत एक ज्ञापन पुलिस कमिश्नर को सौंपा गया है। जिसमे उन्होंने अपील की है कि बंद मंदिरों में हिंदू आबादी नहीं है, ऐसे में दूसरे एरिया से मूर्ति की पूजा करने के लिए लोग आएंगे, तो हो सकता है कि कोई पत्थर फेंक दे, इससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है। हालांकि,
ज्ञापन में लिखा गया कि मेयर साहिबा की नियत पर कोई सवाल नहीं उठाया है। वो सभी धर्मों की मेयर हैं। 1991 एक्ट में ये बात क्लीयर है कि जो पहले की यथास्थिति है, वो कायम रहें। बाबरी मस्जिद फैसले में भी ये कहा गया कि जो पहले की स्थितियां उनको बरकरार रखा जाए। कानपुर गणेश शंकर विद्यार्थी और मौलाना हसरत मोहानी की धरती है। उसी तरह से हमको यहां रहना चाहिए। मुस्लिम क्षेत्र में मंदिरों में पूजा करने के लिए हम पैसे दे देते थे। उनके देहांत के बाद अब वो मंदिर बंद है।


क्या कहती हैं कानपुर मेयर प्रमिला पांडेय…

मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जो ज्ञापन दिया है, मुझे उनसे कोई लेनादेना नहीं है। मैं जो भी काम करती हूं सोच-समझ कर करती हूं। पूजा अधिनियम के तहत आजादी से पहले जो मंदिर हैं, वो उन्हीं स्थिति में बने रहेंगे। अब मैं कानूनी कार्रवाई करूंगी। नगर निगम में मौजूद पंचशाला से मैंने 125 मंदिर जो दर्ज है, उसको निकलवाया है। कोई भी ये एक्ट नहीं कहता कि किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ करूं।
लेकिन कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं सौहार्द बिगाड़ना चाहती हूं, उनसे मैं कहना चाहती हूं कि मेरे किसी भगवान हाथ काट दिया, किसी का गला काट दिया। शिव का अर्घा तक हटा दिया। ये किसी कानून के तहत अंतर्गत है। अब जिन लोगों ने मेरे मंदिरों को तोड़ा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगी और जेल भी भिजवाऊंगी। हाल ही में लुधौरा में जो मंदिर खुलवाया, उसमें मूर्तियों को किस तरह से खंडित किया गया है, ये सभी ने देखा है।