
–कानपुर स्थित काकादेव डबल पुलिय के पास न्यूराॅन नाम के निजी अस्पताल संचालन से लेकर प्राइवेट प्रैक्ट्रिस की पुष्टि
-सीनियर-जूनियर रेजीेडेंट पर अपने निजी अस्पताल में मरीज भेजने का बनाते हैं दबाव
मुख्य संवाददाता, स्वराज इंडिया
कानपुर।
सरकार की मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी खुलेआम निजी अस्पताल और क्लीनिक संचालित करने के मामले में गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल काॅलेज-जीएसवीएम कानपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राघवेंद्र गुप्ता बुरी तरह से फंस गए हैं। शासन द्वारा कराई गई गोपनीय जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट सीएम कार्यालय स्तर पर पहुंच गई है। उनपर शासन द्वारा कडे एक्शन तैयारी की जा रही है। इससे आने वाले समय में डा. राघवेंद्र गुप्ता की मुश्किलें बढने वाली हैं उनकी सेवाएं समाप्ति से लेकर अन्य विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
बीते अक्तूबर 2024 को डा. राघवेंद्र गुप्ता ने स्थानीय कोर्ट के आदेश पर स्वरूपनगर थाने में सीनियर रेजीडेंट डा0 प्रवीन, डा0 सौरभ पर मुकदमा दर्ज कराया था कि उनपर केमिकल की सीसी फेंककर हमला कर दिया जिससे उनके त्वचा में एलर्जी हो गई। मुकदमा दर्ज होने के बाद मामले की जानकारी शासनतक पहुंची। इसपर शासन ने पुलिस की एलआईयू सहित अन्य विभागीय स्तर पर गोपनीय जांच कराई। इसमें डा. राघवेंद्र गुप्ता द्वारा सीनियर रेजीडेंट पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि तो नहीं हुई लेकिन जांच में जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं उसमें डा. राघवेंद्र गुप्ता खुद झुलसते दिख रहे हैं। गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार जीएसवीएम काॅलेज प्रबंधन और कई सीनियर ने कहा है कि वह खुलेआम निजी क्लीनिक संचालित करके प्रैक्टिस करते हैं, क्लीनिक में मरीजों को भेजने के लिए जीएसवीएम तंत्र पर दबाव बनाते हैं जो इनकी बात नहीं सुनता है तो उसपर मुकदमा लिखाकर या अन्य तरीके से बदनाम करने का प्रयास करते हैं। इसी वजह से डा. राघवेंद्र गुप्ता हैलट अस्पताल से लेकर काॅलेज तक में अलग-थलग पड गए हैं। वहीं, योगी शासन ने उनकी हरकतों को गंभीरता से लिया है, उनपर कडी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। उनके नेक्सेस में शामिल डाॅक्टर और कर्मियों की भी गोपनीय जांच चल रही है, उनपर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
वहीं, डाक्टर राघवेंद्र गुप्ता से आरोपों को लेकर संपर्क किया गया लेकिन काॅल नहीं लगी।

एलआईयू जांच डीएम के माध्यम से पहुंची सीएम कार्यालय
सितंबर 2024 को डीएम कानपुर ने स्थानीय अभिसूचना इकाई-एलआईयू को पत्र लिखकर डा. राघवेंद्र गुप्ता के क्रियाकलापों की रिपोर्ट मांगी थी। इसमें अपर पुलिस उपायुक्त-अभिसूचना राजेश कुमार श्रीवास्तव ने डीएम को गोपनीय रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के अनुसार डा. राघवेंद्र गुप्ता सह आचार्य न्यूरो सर्जन जीेएसवीएम काॅलेज कानपुर में राजकीय सेवा में नियुक्त हैं। डा0 राघवेंद्र एलएलआर हाॅस्प्टिल के सामने न्यूराॅन हाॅस्पिटल सुपरस्पेसिएलिटी क्लीनिक में बेधडक प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। वह अक्सर प्रातः 11 बजे से 1 बजे दोपहर तक क्लीनिक में रहते हैं। न्यूराॅन हाॅस्पिटल सुपरस्पेसिएलिटी क्लीनिक में मौजूद रिस्पेनिष्ट नितिन के द्वारा मरीज देखने के नाम पर टोकन देना पाया गया। इसके अलावा नवीननगर काकादेव डबल पुलिया के निकट परिसर संख्या 117-एल-450 में संचालित न्यूराॅन सुपरस्पेसिएलिटी हाॅस्पिटल में भी अक्सर दोपहर 2 से लेकर शाम 6 बजे के आसपास तक मरीजों को देखा जाता है और यहीं पर मरीजों का आपरेशन भी किया जाता है।
जूनियर डाक्टरों को भी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए प्रेरित करते हैं-एलआईयू
एलआईयू ने जो रिपोर्ट दी है उसमें कहा गया है कि डा. राघवेंद्र गुप्ता स्वयं तो प्राइवेट प्रैटिक्टस करते हैं लेकिन जीएसवीएम काॅलेज के जूनियर डाक्टरों को भी अपने निजी अस्पताल में प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए प्रेरित करते हैं। हैलट-एलएलआर के कई डाक्टरों ने यहां तक जानकारी दी है कि डा. राघवेंद्र गुप्ता हैलट में भर्ती होने के लिए आने वाले मरीजों को अपने नवीननगर काकादेव डबल पुलिया के निकट संचालित न्यूराॅन सुपरस्पेसिएलिटी हाॅस्पिटल में ले जाते हैं। इसमें जो कार्मिक सहयोग नहीं करता है, उसको धमकाते भी हैं।