
उत्तर प्रदेश पुलिस की सक्रियता से एक अंतरराज्यीय अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद रैकेट का पर्दाफाश हुआ है
छह राज्यों में दबिश देकर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो लखनऊ।
उत्तर प्रदेश पुलिस की सक्रियता से एक अंतरराज्यीय अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस ऑपरेशन को “मिशन अस्मिता” नाम दिया गया, जिसके तहत देश के छह राज्यों में दबिश देकर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह नेटवर्क न केवल युवतियों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था, बल्कि इसके तार देश विरोधी गतिविधियों से भी जुड़े पाए गए हैं।
इस पूरे प्रकरण की शुरुआत मार्च माह में आगरा से हुई, जब दो सगी बहनें—एक 33 वर्षीय और दूसरी मात्र 18 वर्ष की—रहस्यमय तरीके से लापता हो गईं। परिवार की शिकायत पर जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो सामने आया कि दोनों बहनें एक कट्टरपंथी गिरोह के जाल में फंस चुकी थीं।
आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे पुलिस मुख्यालय तक पहुंचाया। डीजीपी राजीव कृष्ण और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश के निर्देश पर 11 विशेष टीमें गठित की गईं और मिशन अस्मिता की शुरुआत हुई।
छह राज्यों में एक साथ रेड, 10 गिरफ्तार
पुलिस टीमों ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में एक साथ रेड कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया। प्रमुख गिरफ्तारियों में गोवा से आयशा, कोलकाता से अली हसन और ओसामा, जयपुर से मोहम्मद अली और जुनैद कुरैशी, देहरादून से अबुर रहमान तथा यूपी से कई स्थानीय एजेंट शामिल हैं।

आईएसआईएस स्टाइल में काम कर रहा था गिरोह
जांच में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह बेहद योजनाबद्ध और गुप्त तरीके से युवतियों को मानसिक रूप से प्रभावित कर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था। इस रैकेट का काम करने का तरीका अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस के “सिग्नेचर स्टाइल” से मेल खाता है।
गिरफ्तार आरोपियों की अलग-अलग भूमिकाएं थीं
कोई देश-विदेश से फंड जुटाता था, कोई उसे चैनलाइज करता, कोई सेफ हाउस उपलब्ध कराता, तो किसी की जिम्मेदारी लीगल सहायता उपलब्ध कराना थी। युवतियों को बहलाने, मोबाइल व सिम कार्ड उपलब्ध कराने और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए भी अलग-अलग टीमें सक्रिय थीं।

पीएफआई और पाकिस्तान कनेक्शन की पुष्टि
सबसे चौंकाने वाली जानकारी तब सामने आई, जब इस सिंडिकेट के तार प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े पाए गए। साथ ही, खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिए हैं कि इस नेटवर्क का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से भी हो सकता है।
लड़कियों को रेडिकलाइज करने का था पूरा प्लान
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह नेटवर्क विशेष रूप से हिंदू लड़कियों को निशाना बनाता था। सोशल मीडिया के जरिए संपर्क कर प्रेम संबंध स्थापित किए जाते थे और फिर कट्टरपंथ की राह पर ढकेलकर उनका धर्मांतरण कराया जाता था। एक आरोपी युवती की फेसबुक प्रोफाइल तस्वीर में एके-47 लिए बुर्काधारी छवि भी सामने आई है, जो इस रैकेट की खतरनाक मानसिकता को दर्शाता है।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच अभी जारी है और जल्द ही और भी खुलासे हो सकते हैं। मिशन अस्मिता के तहत अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को लेकर राज्य स्तर पर सतर्कता और बढ़ा दी गई है।