
30 साल से मौन व्रत धारण करके रामलला के गर्भगृह में पहुंचने की करती रही प्रतीक्षा
मथुरा नगर करमाटांड़ की रहने वाली मौनी उर्फ सरस्वती देवी ने मौन व्रत धारण कर लिया था
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो
अयोध्याधाम।
कई बार हमारे आस-पास कुछ अद्भुत घटित होता रहता है, लेकिन हमें पता नहीं होता। धनबाद में 30 सालों तक बुजुर्ग महिला एक प्रण के साथ मौन रहीं, लेकिन कोई खास चर्चा नहीं थी। 22 जनवरी 2024 के साथ ही यह अद्भुत बात सामने आई तो भक्ति भाव के अद्भुत उदाहरण के बारे में जानकर लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए। अब इसी कड़ी में एक और बात हो रही है जो अनूठी है।
विगत 30 सालों से भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मौन धारण करने वाली सरस्वती देवी ने 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अपना मौन धारण तोड़ा था। इसके बाद पहली बार ऐसा है कि उन्हें धनबाद वापस लाने को लेकर परिवार के लगभग 200 सदस्य धनबाद से अयोध्या आ रहे है। बता दें कि अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचे को तोड़े जाने के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 30 सालों तक धनबाद मथुरा नगर करमाटांड़ की रहने वाली मौनी उर्फ सरस्वती देवी ने मौन व्रत धारण कर लिया था। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद राम राम के उच्चारण के साथ सरस्वती देवी ने अयोध्या में अपना मौन व्रत का प्रण तोड़ा था। सरस्वती देवी 22 जनवरी से अयोध्या में ही निवास कर रही हैं. सरस्वती देवी के कारण पूरे परिवार में राममय भक्ति माहौल रहता है।
सरस्वती देवी को वापस धनबाद से लाने के लिये पुत्र बहू, बेटा, बेटी, नाती, पोती सहित अन्य परिचय लोग रवाना हुए हैं। कोयलांचल धनबाद में मौनी देवी के नाम से सरस्वती देवी की चर्चा होती रहती थी। वहीं, पुत्र हरिओम अग्रवाल ने कहा कि पहली बार मां मौन व्रत तोड़ने के बाद धनबाद आ रही हैं, जिन्हें लाने के लिए धनबाद से सैकड़ों की संख्या मे लोग अयोध्या आ रहे हैं।