
प्राइवेट कंपनी की दक्षता का नमूना देखिए बिजली जाने पर नहीं चलती मोटरे
कानपुर में टेप किए 16 नालों का सच ये है कि गंगा नदी में गिर रहे कई नाले
मुख्य संवाददाता स्वराज इंडिया
कानपुर।
बाबा आनंदेश्वर मंदिर से 50 मीटर की दूरी पर आनंदेश्वर मंदिर कॉरिडोर पर स्थित परमट सीवेज पंप स्टेशन की हालत खस्ता है । यहां पर दो महीने से एक फाल्ट के चलते पंप हाउस मंत्र 100 हॉर्स पावर की एक मोटर के सहारे चल रहा है । कंपनी की कर्तव्यपरायणता का पता ऐसे चलता है कि 2 महीने पहले पानी लीकेज दिखाई देने पर फाल्ट ढूंढने की जगह कंपनी के कर्मचारियों ने इस रिसते पानी को छुपाने के लिए उस स्थान पर मिट्टी डाल दी । धीरे-धीरे यह तकनीकी खामी बढ़ती गई जिसका असर ओवरफ्लो के रूप में सामने आया । इसके बाद भी कंपनी ने फाल्ट ढूंढने की जहमत पिछले रविवार तक नहीं उठाई । रविवार को जब ‘स्वराज इंडिया’ प्रतिनिधि ने कंपनी के सुपरवाइजर से बात की तब जाकर कंपनी को होश आया और 24 घंटे के अंदर जेसीबी बुलवाकर फॉल्ट ढूंढने का प्रयास शुरू किया गया । लेकिन अभी भी फाल्ट ढूंढने की यह कवायद खानापूरी से अधिक कुछ नहीं है । क्योंकि अब सबसे पहले ओवरफ्लो को समाप्त करना होगा और यहां के पानी के स्तर को कम करना पड़ेगा । जब तक गड्ढे में पानी खत्म नहीं होगा तब तक ना तो और खुदाई संभव है और ना ही फॉल्ट ढूंढना संभव है।

लोगों का दवा 2 महीने से जनरेटर खराब!
स्वराज इंडिया को अपनी पड़ताल में जानकारी मिली थी कि इस पंप स्टेशन का जनरेटर भी खराब पड़ा है । पंप हाउस का निरंतर संचालन अत्यंत आवश्यक है । लाइट जाने की स्थिति में जनरेटर के माध्यम से वैकल्पिक व्यवस्था भी है । कंपनी इसके लिए चार्ज भी लेती होगी । लेकिन कई महीने से यहां के जनरेटर की वायरिंग खराब है ।हालांकि यहां के सुपरवाइजर ने तो आल इज वेल की रिंगटोन हमें सुनाई । लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि पिछले कई महीनो से यहां का जनरेटर नहीं चला है।

क्यों महत्वपूर्ण है परमट का सीवेज पंप स्टेशन
परमट स्थित सीवेज पंप स्टेशन नालों के पानी को केवल पंप ही नहीं करता बल्कि इस पानी के साथ बाहरी कचरे , मृत जानवरों और विशेष रूप से पॉलिथीन को भी अलग करता है । इस पंप हाउस का उद्देश्य है कि यहां से केवल पानी ही आगे लाइन में जाए । जिससे लाइन में अंदर कोई अवरोध उत्पन्न ना हो । अब आप समझ सकते हैं जब यह पंपिंग स्टेशन अपनी क्षमता से कम पर चलता होगा या लाइट जाने की स्थिति में नहीं भी चलता होगा तब इस पूरी योजना पर इसका कितना विपरीत असर पड़ता होगा ?