
–जीएसवी मेडिकल कॉलेज में तैनाती के दौरान प्राइवेट प्रैक्टिस में फंसने के बाद एक्शन में योगी शासन
–राज्यपाल से अनुमोदन के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत कमिश्नर कानपुर जांच अधिकारी नामित
-डा. गुप्ता का जांच के बाद तबादला झांसी मेडिकल कॉलेज किया गया है
प्रमुख संवाददाता, स्वराज इंडिया
कानपुर।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में तैनात न्यूरोलॉजी विभाग सर्जरी के सह आचार्य डा0 राघवेंद्र गुप्ता की सरकारी नौकरी पर संकट मंडरा रहा है। प्राइवेट पै्रैक्टिस मामले में फंसने के बाद शासन ने उनका तबादला झांसी मेडिकल कॉलेज कर दिया है। वहीं, अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राज्यपाल से अनुमोदन मिल गया है। विभागीय कार्रवाई के लिए जांच कमिश्नर कानपुर को दी गई है। सूत्रों का कहना है कि इसमें वह सरकारी सेवा से बर्खास्त किए जा सकते हैं।
चिकित्सा शिक्षा अनुभाग-1 उप्र शासन द्वारा 4 फरवरी 2025 को संयुक्त सचिव मनोज कुमार सिंह के द्वारा जारी पत्र के अनुसार डा. राघवेंद्र गुप्ता तत्कालीन सह आचार्य न्यरोलॉजी राजकीय मेडिकल कॉलेज कानपुर ने अपने पदीय तैनाती के दौरान न्यूरॉन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल नवीननगर में प्राइवेट प्रैक्टिस एवं एलएलआर हॉस्पिटल के सामने क्लीनिक एवं पैथालॉजी संचालित किया जा रहा था। इससे स्पष्ट है कि डा. गुप्ता लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया जा रहा है। उनके कृत्य से मेडिकल कॉलेज के छात्रों एवं वहां पर आने वाले रोगियों के हित में विपरीत प्रभाव हुआ। उपरोक्त अपकृत्य उप्र सरकारी आचरण नियमावली 1956 के विपरीत होने के कारण उप्र सरकारी सेवक-नियमावली 1999 के नियम-7 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जाती है। इसका अनमोदन राज्यपाल की ओर से प्राप्त किया गया। विभागीय कार्रवाई के लिए आयुक्त कानपुर मंडल को पदेन जांच अधिकारी नामित किया जाता है। आयुक्त एक पक्ष में आरोपपत्र मय साक्ष्य को उपलब्ध कराया जाएगा।
प्राइवेट प्रैक्टिस पर योगी सरकार के सख्त एक्शन से हडकंप मचा हुआ है। हैलट, उर्सला, कांशीराम सहित अन्य सरकारी संस्थान के डाक्टरों के द्वारा की जा रही है प्राइवेट प्रैक्टिस फिलहाल रोक दी गई है। इनपुट यह है कि हैलट के 60 प्रतिशत से अधिक चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस में इनवाल्व हैं।
