Wednesday, April 2, 2025
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कानपुर में एसटीपी संचालन में विद्युत आपूर्ति सबसे बड़ी विलेन

8 दिन में 84 घंटे एसटीपी की बिजली आपूर्ति बाधित

विद्युत आपूर्ति में बाधा के नाम पर नालों के दूषित पानी को बायपास कर सीधे पांडु नदी में गिरा दिया गया

निर्मल तिवारी स्वराज इंडिया
कानपुर।

महाकुंभ से मात्र 15 दिन पहले भी कानपुर में मां गंगा के जल की शुद्धता को लेकर लापरवाही जारी है । विद्युत आपूर्ति में बाधा के नाम पर एसटीपी से नालों के दूषित पानी को बायपास कर सीधे पांडु नदी में गिरा दिया गया । परसों दिनांक 30 दिसंबर को सीओडी नाला पूरे उफान के साथ अपनी गंदगी और करोड़ों लीटर सीवरेज का पानी दिन भर पांडु नदी में उड़ेलता रहा । मंगलवार को जब स्वराज इंडिया प्रतिनिधि ने बिनगवां एसटीपी पहुंचकर इसका कारण पूछा तो एसटीपी इंचार्ज मदन ने बताया कि विद्युत आपूर्ति न होने के चलते मजबूरी में पानी को बायपास किया गया था । हालांकि एक अन्य कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सीओडी नाले के डायवर्जन पॉइंट पर लगी जाली खराब हो जाने के कारण वहां से अब भी दूषित पानी बायपास कर पांडु नदी में भेजा जा रहा है ।
ऐसा नहीं है की बिनगवां एसटीपी में मात्र एक दिन ही विद्युत आपूर्ति बाधित रही और दूषित पानी बायपास कर पांडु नदी में छोड़ा गया । दिसंबर महीने में ही आठ दिन बिनगवां एसटीपी की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है और थोड़े बहुत समय के लिए नहीं यह कटौती 16 घंटे तक की रही है । संचालन देख रही निजी कंपनी के बिनगवां एसटीपी इंचार्ज मदन ने लैपटॉप पर हमें दिसंबर महीने में विद्युत आपूर्ति बाधित होने का चार्ट दिखाया जिसमें लाइट ना आने और उस समय जनरेटर की वैकल्पिक व्यवस्था का उपयोग करने का ब्योरा दर्ज है । इससे स्पष्ट होता है कि दिसंबर महीने में ही कुल आठ दिन में 84 घंटे 15 मिनट बिजली आपूर्ति नहीं हुई है और उस समय 47 घंटे 50 मिनट जनरेटर चलाया गया है ।

वैकल्पिक जनरेटर व्यवस्था एसटीपी संचालन में अक्षम

जनरेटर उपयोग के ब्योरे से आप यह गलतफहमी मत पाल लीजिएगा कि इस दौरान एसटीपी पूरा दूषित पानी शोधित करने में सक्षम रही । दरअसल एसटीपी संचालन के लिए चार मोटर चलाने की आवश्यकता होती है जबकि यहां पर लगे जनरेटर मात्र तीन मोटर चलाने की ही क्षमता रखते हैं । विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर जनरेटर चलता जरूर है लेकिन पानी शोधन का काम रुक जाता है और उस दौरान करोड़ों लीटर गंदा दूषित पानी बिना शोधित हुए सीधे पांडु नदी में पहुंच जाता है ।

केस्को की लापरवाही से उठा एक यक्ष प्रश्न

यक्ष प्रश्न यह उठता है कि जो केस्को वीआईपी लाइन के सहारे कई विभागों , अफसरों और माननीयों को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति करता है , वह केस्को उसी लाइन के सहारे इस बिनगवां एसटीपी को 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति क्यों नहीं करता ? एसटीपी इंचार्ज मदन का कहना है कि कार्यदायी संस्था जल निगम सहित सभी जिम्मेदारों और केस्को के अफसरों को भी इस संबंध में पत्र लिखे गए हैं ‌। लेकिन अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है ।

जाली खराब, गंदा पानी बेहिसाब
एक तरफ केस्को की उदासीनता और लापरवाही के चलते करोड़ों लीटर गंदा पानी पांडु नदी में जा रहा है तो दूसरी ओर सीओडी नाले के डायवर्जन पॉइंट में लगी जाली खराब होने के चलते कल भी लाखों लीटर गंदा पानी पांडु नदी में जा रहा था । हालांकि एसटीपी इंचार्ज ने अधिकृत रूप से जाली खराब होने की बात नहीं कही लेकिन एक कर्मचारी द्वारा गोपनीय तरीके से बताई गई इस बात की पुष्टि नाले पर काम कर रहे ठेकेदार से हुई । जिसने बताया कि वह दूसरी जाली लगाने के लिए यहां का पानी डायवर्ट कर रहा है और यह भी कहा कि आज शाम तक जाली लग जाएगी ।

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