
भारत में बढ़ते साइबर खतरों के बीच IIT मद्रास में सेंटर फॉर साइबरसिक्योरिटी, ट्रस्ट और रिलायबिलिटी (CyStar) का उद्घाटन 8 अक्टूबर 2024 को हुआ। यह केंद्र एआई, ब्लॉकचेन, क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटिंग और IoT सुरक्षा पर शोध करेगा। आइए कुछ प्रमुख तकनीकी शब्दों को आसान भाषा में समझें।
AI (Artificial Intelligence) सुरक्षा
एआई का मतलब मशीनों द्वारा इंसान जैसी सोच और निर्णय लेने की क्षमता है। CyStar का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एआई सिस्टम सुरक्षित रहें और कोई इन्हें गलत तरीके से इस्तेमाल न कर सके।
ब्लॉकचेन एक डिजिटल तकनीक है जिसमें डेटा को सुरक्षित और छेड़छाड़-प्रूफ तरीके से कई कंप्यूटरों पर संग्रहित किया जाता है। यह बैंकिंग और क्रिप्टोकरेंसी में उपयोगी है।
यह तकनीक डेटा को एन्क्रिप्ट यानी कोड में बदलने से जुड़ी है ताकि केवल अधिकृत व्यक्ति ही इसे पढ़ सकें। उदाहरण: चैटिंग एप्लिकेशन में भेजे गए संदेशों का एन्क्रिप्शन।
क्वांटम कंप्यूटिंग
यह एक उन्नत कंप्यूटिंग तकनीक है, जो आज के कंप्यूटरों से कई गुना तेज है। लेकिन यह मौजूदा एन्क्रिप्शन तकनीकों को कमजोर कर सकती है, इसलिए CyStar इसका समाधान तैयार करेगा।
IoT (Internet of Things) सुरक्षा
IoT का मतलब उन स्मार्ट उपकरणों से है जो इंटरनेट से जुड़े होते हैं (जैसे स्मार्ट वॉच या स्मार्ट होम डिवाइस)। इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि कोई इन्हें हैक न कर सके।
CyStar की भूमिका
CyStar इन तकनीकों पर शोध करके भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएगा। यह केंद्र विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करेगा और सरकारी और उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करेगा ताकि देश सुरक्षित रहे।
CyStar का उद्देश्य साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत को विश्व स्तरीय बनाना है। इस पहल से न केवल डिजिटल ढांचा सुरक्षित होगा, बल्कि लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। CyStar के माध्यम से, भारत भविष्य की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार होगा।

निखिलेश मिश्रा, साइबर एक्सपर्ट पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी