
स्वराज इंडिया : एकांश तिवारी
कानपुर । कानपुरवासियों के लिए सोमवार का दिन बहुत खास रहा जहां एक तरफ श्रावण मास का प्रथम सोमवार था जिसमें सभी शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे वहीं दूसरी तरफ शाम होते होते कनपुरियों का मिजाज ही बदल गया क्योंकि शाम को भाजपा के कानपुर नगर से संसद रमेश अवस्थी करा रहे थे आम महोत्सव, अब आम तो कनपुरियों को अतिप्रिय है उसमें भी तरह तरह के आम तो समझो कनपुरियों की शाम ही बन गई ।
आम महोत्सम कार्यक्रम की शुरुआत शाम 5 बजे नानाराव पार्क फूलबाग से हुई । जिसका आयोजन भाजपा से संसद रमेश अवस्थी कर रहे थे । रमेश अवस्थी पिछले कई वर्षों से आम महोत्सव का कार्यक्रम दिल्ली और कानपुर में कराते चले आ रहे है । जिसका उद्देश्य भारतीय आमों की ख्याति को बढ़ाना और साथ ही किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाना भी था । इस वर्ष के महोत्सव में दशहरी, अवध अभ्या, अवध समृद्धि, वनराज, फजरी, बिंद्रा बानो, स्वर्ण रेखा, लखनऊ सफेदा, आम्रपाली, केशर, बुलडोजर सहित सैकड़ों आम की प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया, जिसने स्थानीय किसानों, आगंतुकों और आम प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया। सांसद रमेश अवस्थी और मीडिया क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन अवस्थी ने दर्जनों आम उत्पादकों को सम्मानित किया, जो उनकी कृषि के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा ।
महोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी को आकर्षित किया जिसमें मुख्य थी सानवी क्योंकि सानवी ने शिव स्तोत्रम पर नृत्य किया जिसे सांसद रमेश अवस्थी द्वारा पुरस्कृत किया गया ।
बुलडोजर आम के बारे में…
कानपुर में आम महोत्सव में जगह जगह से नए नए तरीके के आम देखने को मिले जिसमें सबसे ज्यादा ख्याति पाने वाला आम था बुलडोजर आम जिसका उत्पादन सीतापुर शिबू चौधरी करते है । आम महोत्सव में प्रथम स्थान पा कर शिबू ने स्वराज इंडिया से बात करते हुए बताया कि जैसा इसका नाम वैसे ही इसके उत्पादन की प्रक्रिया है ।
मोदी मैंगो के बारे में ….
आम महोत्सव में एक और आम खास था जिसका नाम है मोदी मैंगो इसका उत्पादन करते है मलिहाबाद के कदीम चंदन ।आम महोत्सव में कदीम चंदन को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ ।
क्या बोले सांसद रमेश अवस्थी
कानपुर से शुरू हुआ आम महोत्सव अब आम नहीं रहा बल्कि खास हो चुका है जिसके हकदार कानपुर के ही लोग है । रमेश अवस्थी ने कहा कि हम लोग प्रयास करते रहते है कि कानपुर को चर्चा में रखे अभी आपने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम कानपुर ने सेना को नमन किया । कानपुर अब केवल मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट नहीं होगा बल्कि स्वयं में मैनचेस्टर होगा ।