Wednesday, April 2, 2025
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नीला ड्रम और हत्या कांड, बाबा बोले कुछ है खास अंदाज!

मेरठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सौरभ हत्याकांड और उससे जुड़े नीले ड्रम के वायरल मामले पर चुटकी ली। आइए आपको बताते हैं बाबा बागेश्वर ने क्या कहा।

बाबा बागेश्वर ने मजाकिया लहजे में कहा कि नीला ड्रम इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रभु की कृपा से उनकी शादी नहीं हुई, क्योंकि देश में कई पति सदमे में हैं।

निंदनीय है सौरभ हत्यकांड

बाबा बागेश्वर ने कहा कि भारत में नीला ड्रम खूब वायरल है। बहुत से पति सदमे में हैं। भगवान की कृपा है उनकी शादी शादी नहीं हुई है। बाबा ने कहा कि मेरठ का सौरभ हत्यकांड बहुत ही निंदनीय है और ये संस्कारों की और पालन-पोषण की कमी है। प्रत्येक भारतीयों को राम चरितमानस का आधार लेने की आवश्यकता है।

हिंदू राष्ट्र में हिंदुओं को प्राथमिकता मिलेगी

बाबा बागेश्वर ने हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह दुबई में मुसलमानों को प्राथमिकता दी जाती है, उसी तरह हिंदू राष्ट्र में हिंदुओं को प्राथमिकता मिलेगी। हालांकि, इसमें सभी धर्मों और संस्कृतियों को पालन करने की स्वतंत्रता होगी, लेकिन हिंदू धर्म को प्राथमिक स्थान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की संरचना रामचरितमानस के सिद्धांतों पर आधारित होगी और जो भी सनातन धर्म का अपमान करेगा, उसे कड़ी सजा मिलेगी।

राणा सांगा पर क्या बोले बागेश्वर बाबा

धीरेंद्र शास्त्री ने इतिहास को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जो लोग राणा सांगा पर नकारात्मक टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें अपनी सोच को सुधारने की जरूरत है। औरंगजेब को महान नहीं माना जा सकता और देश में विदेशी आक्रांताओं की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और इसे संस्कारों की कमी और गलत परवरिश का नतीजा कहा। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि मेरठ के कुछ स्थानों के नाम बदले जाने चाहिए।

संभल को लेकर बड़ा बयान

संभल को लेकर बोलते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पहले वे कहते थे कि “अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है।” लेकिन अब इसमें संभल का नाम भी जोड़ लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि शांति के बजाय क्रांति का पाठ पढ़ाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पहले पश्चिमी भारत में बोटी-बोटी का नारा लगाया जाता था और अब वहां 42-45% की बात की जा रही है जो चिंताजनक है।

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