राम की नगरी अयोध्या के मया बाजार में भाजपा की बैठक के दौरान खुलेआम सत्ता के नशे में चूर नेता ने रिवाल्वर लहराई, वरिष्ठ कार्यकर्ता को जड़ दिया थप्पड़। अनुशासन की दुहाई देने वाली पार्टी में सरेआम अनुशासन तार-तार।
स्वराज इंडिया संवाददाता
अयोध्या।
भारतीय जनता पार्टी जहां ‘सुशासन’ और ‘संस्कृति’ की दुहाई देती है, वहीं अयोध्या के मया बाजार में पार्टी की एक बैठक ने इन दावों को आइना दिखा दिया। मंडल अध्यक्ष की बैठक में पहुंचने की ‘गुस्ताखी’ चंद्रभूषण पांडेय को इतनी भारी पड़ी कि पूर्व मंडल अध्यक्ष अमर बहादुर सिंह उर्फ गुड्डू ने न सिर्फ थप्पड़ मारा, बल्कि लाइसेंसी रिवाल्वर निकाल कर धमकाया भी!
घटना सोमवार की है, जब राम-जानकी मंदिर परिसर में भाजपा कार्यकर्ताओं की मंडल स्तरीय बैठक चल रही थी। जैसे ही चंद्रभूषण पांडेय वहां पहुंचे, गुड्डू ने उन्हें देख गालियां बकनी शुरू कर दी और फिर थप्पड़ मारते हुए बाहर तक दौड़ाया। राहगीरों और स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि अमर बहादुर सिंह ने खुलेआम अपनी रिवाल्वर लहराकर जान से मारने की धमकी दी।
घटना की जानकारी भाजपा जिला अध्यक्ष तक भी पहुंची है, लेकिन अब तक आरोपी नेता के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। चंद्रभूषण पांडेय ने पुलिस को लिखित तहरीर दी काफी दबाव के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
थानाध्यक्ष राजेश सिंह के अनुसार, “मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।” सवाल ये है कि जांच पहले होगी या किसी की जान जाएगी?

भाजपाई बोले “यह पार्टी में दबंगों का दबदबा!
इस घटना से पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है। नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय नेता ने कहा, “गुंडई करने वाले नेताओं को संरक्षण मिल रहा है। जो वफादार और सीनियर कार्यकर्ता हैं, वो या तो पीटे जा रहे हैं या किनारे किए जा रहे हैं।”
राजनीति या रंगबाज़ी?
मया बाजार की यह घटना एक बार फिर यह सोचने को मजबूर कर रही है कि क्या सत्ता के गलियारे अब गुंडागर्दी के अड्डे बनते जा रहे हैं? क्या पार्टी का अनुशासन सिर्फ पोस्टर-बैनर में छपा एक ‘स्लोगन’ बनकर रह गया है? जिला बीजेपी अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आरोपी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी
थप्पड़, रिवाल्वर और भगदड़
– राम-जानकी मंदिर परिसर में बैठक के बीच हंगामा
– दर्जनों कार्यकर्ता मौके से भागे
– आम जनता में दहशत
पीड़ित चंद्रभूषण पांडेय कौन?
– भाजपा के पुराने और सम्मानित कार्यकर्ता
– दर्जनों चुनावी अभियानों में भूमिका
– पार्टी के अंदर ‘संघ वाले’ खेमे के करीबी
भाजपा के अंदर की यह ‘भीतरघात की गोली’ सिर्फ एक थप्पड़ की घटना नहीं है, ये उस बिगड़ते सिस्टम की तस्वीर है जहां संवाद की जगह धमकी और संगठन की जगह शक्ति प्रदर्शन ने ले ली है। राम की नगरी अयोध्या में जब भगवा पर साया पड़ जाए, तो सवाल सिर्फ विरोधियों से नहीं, अपनों से भी पूछना पड़ेगा – “ये क्या हो रहा है?”
