“गोपनीय पुलिस रिपोर्ट से खुली संगठित गिरोह की परतें — हत्या से लेकर फर्जी मुकदमों तक, ‘दीनू उपाध्याय’ के साथ 12 सहयोगियों की लंबी फेहरिस्त”
विशेष पड़ताल | स्वराज इंडिया न्यूज़ रिपोर्ट
कानपुर । कानपुर में कानून का चोला ओढ़े एक ऐसा संगठित गिरोह वर्षों से सक्रिय है, जो न्याय व्यवस्था की छाया में पनपते हुए अब खुलकर चुनौती देता नजर आ रहा है। एक गोपनीय/अतिमहत्वपूर्ण पुलिस आदेश की प्रतिलिपि स्वराज इंडिया न्यूज़ के पास पहुंची है, जिसमें इस गिरोह के मुख्य सरगना धीरज उर्फ दीनू उपाध्याय एडवोकेट और उसके करीब 12 प्रमुख साथियों का जिक्र है, जिन पर संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
वकील की आड़ में अपराध का साम्राज्य
13 अप्रैल 2025 को वादी धर्मेंद्र सिंह सेंगर द्वारा थाना कोतवाली में धीरज उपाध्याय पर IPC की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कराया गया था। 18 अप्रैल को जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान धीरज उपाध्याय ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए करीब 400-500 लोगों की भीड़ न्यायालय परिसर के बाहर इकट्ठा कर दी — जिसमें अधिकतर काले कोट पहनने वाले अधिवक्ता थे। इसका वीडियो वायरल हुआ और पुलिस की नींद खुली।
वकील की आड़ में अपराध का साम्राज्य
13 अप्रैल 2025 को वादी धर्मेंद्र सिंह सेंगर द्वारा थाना कोतवाली में धीरज उपाध्याय पर IPC की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कराया गया था। 18 अप्रैल को जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान धीरज उपाध्याय ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए करीब 400-500 लोगों की भीड़ न्यायालय परिसर के बाहर इकट्ठा कर दी — जिसमें अधिकतर काले कोट पहनने वाले अधिवक्ता थे। इसका वीडियो वायरल हुआ और पुलिस की नींद खुली।
कौन है धीरज उर्फ दीनू उपाध्याय?
गोपनीय जांच में पता चला कि धीरज उपाध्याय निवासी बंगला नं0 2/215 नवाबगंज, थाना नवाबगंज, कानपुर, पर पहले से ही निम्नलिखित 6 संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं:
1. 302 IPC (हत्या)
2. 307, 388 IPC (हत्या की कोशिश, जबरन वसूली)
3. 364A, 120B IPC (अपहरण, आपराधिक साजिश)
4. 147, 148, 307, 323 IPC (दंगा, हत्या प्रयास)
5. 302, 34 IPC व 7 CLA एक्ट
6. 420, 467, 468, 471 IPC (जालसाजी व धोखाधड़ी)