
सार्वजनिक वाईफाई कनेक्ट होते ही लोगो के खातों से धन उड़ाने का नया तरीका है DNS हैकिंग
आज के परस्पर जुड़े हुए डिजिटल युग में, डोमेन नेम सिस्टम (DNS) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो उपयोगकर्ताओं के लिए पढ़ने योग्य डोमेन नामों जैसे example.com को IP एड्रेस में बदलता है ताकि कंप्यूटर आपस में संवाद कर सकें। हालांकि, यह इंटरनेट की कार्यक्षमता के लिए महत्वपूर्ण है, DNS साइबर अपराधियों का निशाना भी बन सकता है, जिससे DNS हैकिंग या DNS रीडायरेक्शन अटैक हो सकते हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि DNS हैकिंग कैसे काम करती है, हैकर्स इसे कैसे एक्सप्लॉइट करते हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात, आप इन हमलों से खुद को कैसे बचा सकते हैं।
DNS हैकिंग या DNS रीडायरेक्शन क्या है?
DNS हैकिंग एक प्रक्रिया है जिसके तहत DNS क्वेरीज़ में छेड़छाड़ कर उपयोगकर्ताओं को दुर्भावनापूर्ण वेबसाइटों की ओर रीडायरेक्ट किया जाता है या उनके डेटा को इंटरसेप्ट किया जाता है। DNS रीडायरेक्शन तब होता है जब हैकर्स DNS समाधान प्रक्रिया से छेड़छाड़ करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता का ट्रैफ़िक असली वेबसाइट की बजाय एक नकली वेबसाइट की ओर भेजा जाता है। यह निम्न तरीकों से हो सकता है:
DNS कैश पॉयजनिंग: इसे DNS स्पूफिंग भी कहा जाता है। इसमें हैकर झूठी जानकारी DNS रिजॉल्वर के कैश में डाल देता है। जब उपयोगकर्ता वैध वेबसाइटों पर जाने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें नकली वेबसाइटों पर रीडायरेक्ट किया जाता है जो उनके व्यक्तिगत डेटा को चुराने या उनके सिस्टम में मालवेयर डालने के लिए डिजाइन की गई होती हैं।
मैन-इन-द-मिडल (MitM) अटैक: इस हमले में, हैकर्स उपयोगकर्ता और DNS सर्वर के बीच की संचार प्रक्रिया को इंटरसेप्ट करते हैं और DNS प्रतिक्रियाओं में छेड़छाड़ कर उपयोगकर्ताओं को गलत वेबसाइटों पर भेजते हैं।
DNS सर्वरों में छेड़छाड़: हैकर्स DNS सर्वरों को निशाना बना सकते हैं और उनके रिकॉर्ड्स में बदलाव कर सकते हैं, जिससे बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता गलत वेबसाइटों पर रीडायरेक्ट हो सकते हैं। यह पूरे संगठनों या इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) के नेटवर्क्स को प्रभावित कर सकता है।
हैकर्स DNS हैकिंग का कैसे उपयोग करते हैं?
हैकर्स विभिन्न उद्देश्यों के लिए DNS कमजोरियों का लाभ उठाते हैं, जैसे:
फिशिंग: उपयोगकर्ताओं को ऐसी वेबसाइटों पर भेजना जो दिखने में वैध सेवाओं (जैसे बैंक, ई-कॉमर्स) जैसी लगती हैं, ताकि उनके लॉगिन क्रेडेंशियल्स और वित्तीय डेटा चोरी किया जा सके।
मालवेयर फैलाना: उपयोगकर्ताओं को ऐसी दुर्भावनापूर्ण साइटों पर भेजना जो उनके उपकरणों को वायरस, रैनसमवेयर, या स्पायवेयर से संक्रमित कर देती हैं।
डेटा चोरी: कुछ DNS हमलों में, हैकर्स उपयोगकर्ताओं और वैध वेबसाइटों के बीच प्रेषित संवेदनशील जानकारी को इंटरसेप्ट कर सकते हैं।
डिनायल ऑफ सर्विस (DoS): DNS रीडायरेक्शन का उपयोग लक्ष्य प्रणाली पर ट्रैफिक की बाढ़ लाने के लिए किया जा सकता है, जिससे सेवाओं में व्यवधान हो सकता है।
DNS हैकिंग से खुद को कैसे बचाएं?
हालांकि DNS हैकिंग एक जटिल हमला होता है, लेकिन आप अपने नेटवर्क और खुद को इन खतरों से बचाने के लिए कई कदम उठा सकते हैं:
- DNSSEC का उपयोग करें (डोमेन नेम सिस्टम सिक्योरिटी एक्सटेंशंस)
DNSSEC एक सुरक्षा प्रोटोकॉल है जो DNS हमलों को रोकने के लिए DNS डेटा को डिजिटल रूप से साइन करता है, जिससे उसकी अखंडता बनी रहती है। यदि आपका ISP या DNS प्रदाता DNSSEC को सपोर्ट करता है, तो इसे सक्षम करें। DNSSEC सुनिश्चित करता है कि DNS प्रतिक्रियाएं वैध स्रोत से आई हैं और उनमें कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। - राउटर और उपकरणों को सही तरीके से कॉन्फ़िगर करें
गलत राउटर या डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन आपको DNS रीडायरेक्शन हमलों के लिए अधिक संवेदनशील बना सकता है। अपने राउटर को सुरक्षित करने के लिए इन कदमों का पालन करें: - डिफ़ॉल्ट एडमिन पासवर्ड बदलें: हैकर्स अक्सर डिफ़ॉल्ट पासवर्ड वाले राउटर्स को निशाना बनाते हैं। इसे हमेशा एक मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड में बदलें।
- रिमोट एक्सेस को अक्षम करें: अनावश्यक रूप से अपने राउटर की सेटिंग्स के बाहरी एक्सेस को रोकें। राउटर फर्मवेयर अपडेट करें: निर्माता द्वारा जारी किए गए अपडेट्स सुरक्षा पैचों को शामिल करते हैं जो DNS कमजोरियों से बचाने में मदद करते हैं।
- सुरक्षित DNS सेवा का उपयोग करें
अधिक सुरक्षित DNS प्रदाता पर स्विच करने से DNS रीडायरेक्शन के जोखिम को कम किया जा सकता है। Google Public DNS (8.8.8.8), Cloudflare DNS (1.1.1.1), या Quad9 DNS (9.9.9.9) जैसी सेवाएं उन्नत सुरक्षा सुविधाएँ प्रदान करती हैं जो दुर्भावनापूर्ण DNS क्वेरीज़ का पता लगाकर उन्हें ब्लॉक करती हैं। - HTTPS का उपयोग करें
जब भी संभव हो, HTTPS (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर) का उपयोग करें। HTTPS वाली वेबसाइटें ब्राउज़र और सर्वर के बीच का डेटा एन्क्रिप्ट करती हैं, जिससे MitM हमलों से सुरक्षा मिलती है। - मालवेयर के लिए नियमित स्कैन करें
सुनिश्चित करें कि आपके उपकरण ऐसे मालवेयर से मुक्त हैं जो DNS सेटिंग्स को बदल सकता है। विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके नियमित रूप से अपने उपकरणों को स्कैन करें और किसी भी दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर को हटा दें। - DNS सेटिंग्स की निगरानी करें
हैकर्स कभी-कभी आपके डिवाइस की DNS सेटिंग्स को बदल देते हैं ताकि वे अपने दुर्भावनापूर्ण DNS सर्वरों का उपयोग कर सकें। अपने नेटवर्क एडेप्टर की DNS सेटिंग्स की नियमित रूप से जांच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिना आपकी जानकारी के बदलाव नहीं किए गए हैं। - VPN का उपयोग करें
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) आपके डेटा को एन्क्रिप्ट कर अतिरिक्त सुरक्षा की परत जोड़ता है। यदि कोई हैकर आपके ट्रैफ़िक को इंटरसेप्ट करता भी है, तो वे DNS क्वेरीज़ को पढ़ या बदल नहीं पाएंगे। VPN आपकी ट्रैफ़िक को सुरक्षित सर्वरों के माध्यम से भेजते हैं, जिससे DNS रीडायरेक्शन का जोखिम कम हो जाता है। - फिशिंग संकेतों के लिए सतर्क रहें
उन वेबसाइटों से सावधान रहें जो संदिग्ध लगती हैं, भले ही वे दिखने में वैध हों। फिशिंग के सामान्य संकेतों में गलत स्पेलिंग वाले URL, अप्रत्याशित पॉप-अप्स, या संवेदनशील जानकारी की मांग शामिल हो सकती है। जब भी आप व्यक्तिगत जानकारी दर्ज कर रहे हों, तो वेबसाइट का पता दोबारा जांचें।
निष्कर्ष
DNS हैकिंग डिजिटल परिदृश्य में एक गंभीर खतरा है, लेकिन सही सावधानी बरतने से आप इन हमलों से खुद को बचा सकते हैं। DNSSEC और सुरक्षित DNS सेवाओं का उपयोग करने से लेकर अपने राउटर को सही तरीके से कॉन्फ़िगर करने और सतर्क रहने तक, अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को सुरक्षित रखने के कई तरीके हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप हमेशा नवीनतम साइबर सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी रखते हैं, क्योंकि हैकर्स लगातार नई तकनीकों का उपयोग कर कमजोरियों का फायदा उठाने की कोशिश करते रहते हैं। ऊपर दिए गए सुरक्षा सुझावों का पालन करके, आप DNS हैकिंग का शिकार बनने के जोखिम को कम कर सकते हैं और एक सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव का आनंद ले सकते हैं।
निखिलेश मिश्रा
(पूर्व इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर)