Wednesday, April 2, 2025
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कानपुर में 274 दागी वकीलों पर होगा एक्शन…

बार और लायर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को को सौंपी गई सूची पुलिस कमिश्नरेट ऐसे दागी वकीलों पर सख्त एक्शन लेने जा रही है

प्रमुख संवाददाता स्वराज इंडिया, कानपुर। पुलिस ने 274 दागी वकीलों की सूची तैयार की है। बार और लायर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुलाकर शुक्रवार यह सूची सौंपी गई। वकीलों का कहना है कि सूची में एक ही नाम कई बार हैं जबकि कुछ वकीलों के मामले निस्तारित हो चुके हैं। बहरहाल सूची में शामिल वकीलों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का मन बना चुकी है। अधिवक्ता हिमांशु दीक्षित की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने इसकी शुरूआत भी कर दी है।
अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चन्दर ने बताया कि बार काउंसिल के पत्र पर जिन अधिवक्ताओं पर मुकदमे दर्ज हैं, उनकी सूची तैयार की गई है। सूची को रिव्यू के लिए बार और लायर्स के पदाधिकारियों को दिया गया है। उनका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष इंदीवर बाजपेयी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने बुलाया था। एक सीलबंद लिफाफा सौंपा है। समारोह में व्यस्त होने के कारण अभी तक देख नहीं सके हैं।
दागी वकीलों को लेकर यूपी बार काउंसिल सख्त है। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर दागी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई को कहा है। जिसके बाद पुलिस ने उन अधिवक्ताओं की सूची तैयार की है जिन पर एक से अधिक गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। शुक्रवार को अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चन्दर और अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय विपिन मिश्रा ने बार और लायर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुलाकर यह सूची सौंपी। इस पर पदाधिकारियों ने सूची में शामिल नामों पर एतराज भी जताया। कहा, कि इसमें कई ऐसे नाम शामिल हैं जिनके मामले निस्तारित हो चुके हैं जबकि कुछ वकीलों के नाम एक से अधिक बार हैं। इस पर पुलिस अधिकारियों ने इस सूची में शामिल वकीलों के नामों को लेकर एक सप्ताह में रिव्यू करने की बात कही है। जिसके बाद दागी वकीलों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू करेगी।
पूर्व पदाधिकारियों और जमीनों के सौदागरों के हैं नाम
पुलिस ने जो 274 वकीलों की सूची तैयार की है उसमें बार और लायर्स एसोसिएशन के कई पूर्व पदाधिकारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही उनके नाम भी शामिल हैं जो एसोसिएट्स बनाकर जमीनों का काम कर रहे हैं। सूची में उन्हीं वकीलों को शामिल किया गया है जिन पर एक से अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं। सूत्रों की माने तो सूची तैयार करने में पुलिस ने पारिवारिक विवाद और छोटे अपराध में दर्ज मुकदमों को अलग रखा है।

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