
’स्वराज इंडिया’ के खुलासे के बाद
आर्डनेंस फैक्ट्री में मचा हडकंप
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–विजयनगर कालपीरोड स्थित ओएफसी फैक्ट्री में चल रहा था अरसे से घालमेल
–स्थानीय अधिकारी अभी भी मामले को दबाने में जुटे
–सैन्य प्रतिष्ठानों में सुरक्षा को लेकर बरती जा रही बडी लापरवाही
प्रमुख संवाददाता, स्वराज इंडिया
कानपुर।
देश के सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कितनी कमजोर और लचर है इसका खुलासा कानपुर की आर्डनेंस फैक्ट्री में लग रही फर्जी हाजिरी से हो रहा है। एक हजार किमी दूर कोलकाता बैठे कर्मचारी की हाजिरी ओएफसी में कितनी आसानी से लगाई जा रही थी। इंटरनल इनपुट है कि ओएफसी के कुछ अधिकारियों के सिंडीकेट से इस तरह से खेल को अंजाम दिया जा रहा था। वहीं लोग बचाने का कुचक्र रच रहे हैं। फिलहाल जांच के आदेश दिए गए हैं लेकिन वहीं अनुभाग स्तर पर सुबूत मिटाए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
’स्वराज इंडिया’ ने 28 अप्रैल 2025 के एडिशन में खुलासा किया था विजयनगर कालपीरोड स्थित आर्डनेंस फैक्ट्री के सीटीआर अनुभाग में फर्जी हाजिरी के खेल को कैसे अंजाम दिया जा रहा था। इसमें टेक्नीशियन पद पर तैनात अतनू चक्रवती (टिकट नंबर 179 पर्सनल नंबर 9762) कोलकाता में था लेकिन ओएफसी में 8 अप्रैल 2025 से लेकर 11 अप्रैल 2025 तक इलेक्ट्रानिक कार्ड हाजिरी सिस्टम के माध्यम से साथी अरविंद सिंह (पर्सनल नंबर 10381 टिकट नंबर 71) की मिलीभगत से दनादन पंचिग एवं हस्ताक्षर बनाए जा रहे थे। 12 अप्रैल को भी गेट पर 7.45 पर उसकी इंट्री दिखाई गई, मॉनीटरिंग के दौरान नाइट डयूटी अफसर-एनडीओ ने मामला पकडा। रिपोर्ट के अनुसार हाजिरी रजिस्ट्री पर कर्मचारी के साइन तो थे लेकिन कर्मचारी मौेके पर कहीं नहीं मिला। कर्मियों से पूछतांछ की गई लेकिन किसी ने कुछ नहंी बताया। इसपर एनडीओ ने रजिस्टर पर नोट लिखा कि ’कंइडली मैच द सिग्नेचर ऑफ अतनू चक्रवती वेरीफाई, टीएन 179 फ्रॉम रिकार्ड, ही इज अबसेंट फ्रॉम डयूटी एंड अपसेंट येस पर अटेंडेंस रजिस्टर’। प्रकरण खुलने के बाद भी स्थानीय स्तर पर अधिकारी इसको दबाने का प्रयास करने में जुटे रहे। जब कि इतना गंभीर मामला होने के बाद भी सीसीटीवी सहित अन्य रिकार्ड तक नहीं चेक किए गए इससे समझा जा सकता है कि मिलीभगत थी।

आर्डनेंस में पहले भी हो चुके हैं कांड–
कानपुर में कई आयुध निर्माणियां हैं। इनमें कालपी रोड विजयनगर में ओएफसी, फील्डगन,स्मार्ल आर्म्स के साथ फूलबाग में पैराशूट आर्डनेंस फैक्ट्रियां हैं। शहर में इसके अलावा अन्य बडे रक्षा प्रतिष्ठान हैं। यहां से सेना को हथियार, तोप, गोला और अन्य साजोसामान भेजे जाते हैं। इसलिए यह शहर काफी संवेदनशील है। कुछ माह पहले कानपुर की आडीनेंस फैक्ट्री में आईएसआई एजेंट बनकर काम कर रहे जूनियर वर्क्स मैनेजर विकास कुमार को एटीएस ने गिरफतार किया था, वह हनीट्रेप में फंसकर ओएफसी से जुडी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी महिला एंजेट को लीक कर रहा था। अभी एक दिन पहले ही पंजाब के भटिंडा छावनी के नजदीक मोची का काम करने वाले सुनील को सेना की जासूसी करने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। वह भी हनीट्रेप में फंसकर छावनी की फोटो अन्य डिटेल भेज रहा था।
क्या कहते हैं जिम्मेदार—
ओएफसी के डीजीएम सुधीर यादव ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में लेकर प्रशासनिक जांच शुरू करा दी गई है। शामिल लोगों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। इसके बाद विभागीय कार्रवाई होगी। वहीं, आर्डनेंस के प्रभारी सीएमडी अनूप मुखर्जी ने भी कहा था कि यह मामला बहुत संवेदनशील है। इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।