
–एक जनवरी को कूचरचित दस्तावेज तैयार कर की थी गड़बड़ी
–डीएम के निर्देश पर जांच के बाद खुला पूरा मामला
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो
औरैया: राजस्व अभिलेखागार से अभिलेख गायब कर तीन लेखपालों ने मां, साले सहित अन्य रिश्तदारों के नाम जनपद के प्रसिद्ध देवकली मंदिर की जमीन कर दी। डीएम ने मामले को संज्ञान लिया। जांच बैठी तो पूरा मामला सामने आ गया। मामले में राजस्वज निरीक्षक ने लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। हालांकि पुलिस अभी इन्कार कर रही है।
सदर तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक लालाराम ने बताया कि गांव खानपुर के जालौन रोड स्थित देवकली मंदिर के नाम गाटा संख्या 1283 व 1040 है। दोनों जमीन सटी हुई है। गाटा संख्या 1283 पर 11 जनवरी वर्ष 2013 में शहर निवासी सीतू तिवारी पत्नी अरुण तिवारी व परिवार की प्रभा देवी ने वर्ष 2013 में 17 जनवरी ने दो प्लट खरीदे थे। एक जनवरी वर्ष 2025 में शहर निवासी सुमन शुक्ला पत्नी अरुण शुक्ला व जितेंद्र कुमार ने शहर में तैनात तीन लेखपालों से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तवेज तैयार कर प्लाटों को अपने नाम करा लिया। यही नहीं प्लाट पर नीव भी खोद दी गई। मिशन समाधान में मामले की शिकायत होने के बाद राजस्व टीम मौके पर पहुंची और सीमांकन किया। इस दौरान अरुण शुक्ला व अन्य जांच से सहमत नहीं हुए। जिसके अधिकारी ने दोनों को सिविल कोर्ट में जाने के निर्देश दिए। इधर, एक लेखपाल ने जांच में तथ्य छिपाते हुए तहसीलदार रणवीर सिंह के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत न कर नायब तहसीलदार के पास प्रस्तुत कर दी। बड़ी बात है कि की गई शिकायत गलत तथ्य प्रस्तुत कर पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया। इससे पहले 12 जुलाई वर्ष 2024 को अरुण शुक्ला ने पत्नी सुमन शुक्ला को जमीन बेच दी और बाद में स्वयं इकरारनामा करा लिया। सुमन एक लेखपाल की मां है। जबकि एक आरोपित दूसरे का साला है। बड़ी बात यह है कि जिला राजस्व अभिलेखागार से मंदिर संबंधित जरूरी कागज भी आरोपित द्वारा पार कर दिए गए। डीएम डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने राजस्व निरीक्षक को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। कोतवाल ललितेश नारायन त्रिपाठी का कहना है कि अभी तहरीर नहीं मिली है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
