
प्रमुख संवाददाता स्वराज इंडिया, लखनऊ। लखनऊ पुलिस ने अपराध पर लगाम कसने के लिए एक बेहद खास और तकनीक आधारित नई पहल की शुरुआत की है, जिसका नाम ‘ईगल मोबाइल टीम’है. इसी 17 अप्रैल को लखनऊ कमिश्नरेट में इस योजना का विधिवत शुभारंभ हुआ। इस पहल का उद्देश्य शहर में सक्रिय पेशेवर अपराधियों, हिस्ट्रीशीटरों और जेल से छूटे अपराधियों पर लगातार नजर रखना,उनका डिजिटल डोजियर तैयार करना और अपराध से जुड़ी हर गतिविधि पर निरंतर निगरानी बनाए रखना है । पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर की निगरानी में शुरू हुई यह योजना राजधानी लखनऊ को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत हर थाने में एक ” ईगल मोबाइल टीम” गठित की गई है। प्रत्येक टीम में दो मुख्य आरक्षियों को शामिल किया गया है, जिन्हें एक विशेष दोपहिया वाहन भी उपलब्ध कराया गया है। टीम का काम केवल निगरानी करना ही नहीं, बल्कि हर दिन कम से कम 10 अपराधियों का डोजियर बनाना, उन्हें स्कैन करके डीसीआरबी (डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) को भेजना और त्रिनेत्र एप पर अपलोड कराना भी होगा। इतना ही नहीं, इन टीमों को हर दिन 20 अपराधियों पर नजर भी रखनी होगी। टीम के सदस्य संबंधित अपराधियों के घर जाकर सत्यापन करेंगे और प्रत्येक थाने में अपराधियों की सूची को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा।
ईगल टीम का एक खास डिजिटल पहलू भी है,हर टीम के लिए एक अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप पर हर सदस्य अपने-अपने दैनिक कार्यों की रिपोर्ट साझा करेगा, जिससे डीसीपी क्राइम और थाना प्रभारी कार्यों की निगरानी कर सकें। इतना ही नहीं, जेल से छूटे अपराधियों की सूची भी इसी ग्रुप के माध्यम से हर दिन साझा की जाएगी, ताकि ईगल टीम समय पर उनका सत्यापन कर सके। पुलिस विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि इस टीम के सदस्यों को सामान्य परिस्थितियों में कोई अन्य ड्यूटी नहीं सौंपी जाएगी, जिससे वे केवल अपराधियों की निगरानी पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
ईगल टीम का कार्य केवल अपने थाना क्षेत्र तक सीमित नहीं होगा। यदि किसी अन्य थाना क्षेत्र का अपराधी उनके इलाके में पाया जाता है, तो संबंधित थाने की ईगल टीम को सूचना साझा की जाएगी और डीसीआरबी कंट्रोल रूम को भी अपडेट किया जाएगा। ईगल टीमों के कार्यों की निगरानी के लिए जनपद स्तर पर एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका संचालन प्रभारी डीसीआरबी (सीयूजी नंबर – 9454458079) द्वारा किया जाएगा। यह कंट्रोल रूम प्रतिदिन की सूचनाओं का संकलन करेगा और पूरे सिस्टम की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।पुलिस कमिश्नरेट की योजना के अनुसार, प्रत्येक माह दो बार ईगल टीम की बैठक भी की जाएगी एक बार महीने के प्रथम पक्ष में और दूसरी बार द्वितीय पक्ष में। इस बैठक की अध्यक्षता डीसीपी क्राइम करेंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि टीमों का कार्य प्रभावी, तीव्र और तकनीकी रूप से मजबूत बना रहे।
लखनऊ में बढ़ते अपराध को देखते हुए यह पहल बेहद समयानुकूल है। जहां एक ओर पुलिस का यह कदम तकनीकी रूप से सशक्त दिखाई देता है, वहीं दूसरी ओर इससे जनता में यह विश्वास भी बढ़ेगा कि पुलिस अब सिर्फ अपराध के बाद कार्रवाई नहीं करेगी, बल्कि पहले से ही निगरानी करके अपराध को पनपने से रोकेगी। ‘ईगल मोबाइल टीम’ वास्तव में एक उड़ता हुआ प्रहरी बनकर लखनऊ की सड़कों पर निगरानी रखेगी तथा हर अपराधी की सभी हरकतों पर भी पैनी नजर के साथ सतर्क रहेगी।