
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो
कानपुर । डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच का विवाद अभी थमा नहीं है. सीएमओ को सस्पेंड कर दिया गया है. नए सीएमओ की तैनाती भी हो गई है. खबर आ रही है कि सस्पेंशन के बाद सीएमओ ने कानपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.. इस बीच 17 जून को लिखा गया उनका एक लेटर भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है. इस लेटर में उन्होंने कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
डॉ. हरिदत्त नेमी ने मुख्यमंत्री के नाम लिखे इस पत्र में कानपुर के डीएम पर वसूली और भ्रष्टाचार के चलते अनुसूचित जाति के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि डीएम साहब मेरे ऊपर आग बबूला हो गए और कहा, तुम दलित जाति के मंद बुद्धि के व्यक्ति हो, तुम्हें पैसा कमाना नहीं आता है.. तुम्हें सिस्टम नहीं पता है.. डॉ. हरीदत्त नेमी का कहना है कि डीएम साहब उन पर सीबीआई से चार्जशीटेट फर्म मेसर्स जेएम फार्मा को एक करोड़ 60 लाख 47 हजार रुपए का भुगतान करने का दबाव बना रहे थे.
सीएमओ का कहना है कि उन्होंने कानपुर में 20 साल से महत्वपूर्ण पदों पर जमे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुबोध प्रकाश यादव को हटाकर जिला क्षय रोग अधिकारी के पद पर ट्रांसफर किया तो डीएम साहब बौखला गए. उन्होंने डॉक्टर सुबोध प्रकाश यादव का ट्रांसफर रुकवाने के लिए दबाव बनाया. उनका कहना है कि ट्रांसफर न रोकने से भी डीएम साहब उनसे नाराज हैं.
डॉ. हरिदत्त नेमी ने मुख्यमंत्री से अनुसूचित जाति के अधिकारी की रक्षा करने और न्याय दिलाने की मांग की है.

सस्पेंशन और ट्रांसफर के बाद भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से साफ है कि डॉ. हरिदत्त नेमी को कहीं न कहीं से पावर मिल रही है. एक बात और साफ है कि डीएम साहब भी आगे पीछे नपेंगे.. तो सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई से खुश होने वाले कानपुर के नेता और अन्य लोग ज्यादा उत्साहित न हों क्योंकि मामला अभी खत्म नहीं हुआ….!!
