
– अलग अंदाज में दी गई बिल्हौर के लोकप्रिय एसीपी को विदाई
- आईपीएस सुमित रामटेके की विदाई समारोह में नम हुईं ऑंखें
- कमिश्नरेट के बाबूपुरवा सर्किल की मिली है नई जिम्मेदारी
रिज़वान कुरैशी/स्वराज इंडिया
बिल्हौर (कानपुर)। दिल ले के जा रहे हो कैसे जिएंगे हम… तोता बनाया आपको पिंजरा बनेंगे हम और पिंजरे मे बंद करके बोली सुनेंगे हम…। यह वो नज़्म है जो बिल्हौर में एसीपी के पद पर तैनात रहे आईपीएस सुमित रामटेके के विदाई समारोह में एक पुलिसकर्मी के मुँह से निकली। जिसने समारोह में मौजूद कई लोगों की आँखें गीली कर दीं।
कानपुर नगर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद पहली बार एसीपी के रूप में बिल्हौर में आईपीएस अफसर को तैनाती दी गई। बिल्हौर में एसीपी के पद पर तैनाती पाते ही सुमित रामटेके ने काम करने का अलग अंदाज विकसित किया। जहां एक ओर उन्होंने जनता से सीधा संवाद कर लोगों की समस्याओं का समाधान कराया। वहीं दूसरी ओर पुलिस महकमें में बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृत करके सम्मानित करने की नई परंपरा शुरू की। जिसका फायदा यह हुआ कि अधिकांश पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ा। और वह और भी बेहतर ढंग से काम करने लगे। अफसर के रूप में जनता से जुड़ने का फायदा यह हुआ कि तमाम छिपे हुए अपराधों की सूचनाएं सीधे उनके मोबाइल पर आने लगीं। जिससे मिलीभगत करने वाले पुलिसकर्मी बेनकाब हुए और बेहतर पुलिसिंग विकसित हुई। इससे इलाके में अपराध नियंत्रित हुआ। और अधिकांश घटनाओं का समय से खुलासा हो पाया। इससे जनता का पुलिस में भरोसा कायम हुआ। विदाई समारोह में अधिकांश पुलिसकर्मी बोले कि अफसर तो आते जाते रहते हैं लेकिन जब मनोबल बढ़ाने वाले अफसर आते हैं तो काम करने का उत्साह बढ़ जाता है। उधर बिल्हौर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अलोक कुमार मिश्रा व महामंत्री महेंद्र सिंह कुशवाहा वकीलों के साथ विदाई समारोह में पहुँचे और आईपीएस सुमित रामटेके के कार्यकाल की सराहना की। इस दौरान एसीपी अमरनाथ सिंह, इंस्पेक्टर अशोक कुमार सरोज समेत सर्किल के थानेदार और दरोगा मौजूद रहे।

कम समय में ही जीता लोगों का दिल
बिल्हौर। आईपीएस सुमित रामटेके बिल्हौर में बहुत कम समय में ही लोगों का दिल जीतने में कामयाब हो गए।
बिल्हौर सर्किल का चार्ज संभाले सुमित रामटेके का आम लोगों के प्रति अलग ही लगाव देखने को मिला। विदाई समारोह में क्षेत्र के लोगों ने उनका जबरदस्त अभिनन्दन कर उन्हें बधाई दी। कई बेहतर काम करने वालों को जाते जाते सम्मानित भी किया। इस दौरान आईपीएस सुमित रामटेके अपने शुरुआती दौर के अनुभव को साझा करते हुए भावुक हो गए।

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घटनाओं के खुलासे के लिए रहे बेहद संजीदा
बिल्हौर। आईपीएस सुमित रामटेके ने अपने कार्यकाल में बिल्हौर सर्किल में घटी छोटी से बड़ी घटनाओं का न केवल खुलासा किया बल्कि घटनाओं को अंजाम देने वालों को सलाखों के पीछे भी भेजा। उन्होंने जरायम से जुड़े अड्डों पर छापेमारी कर कई अवैध धंधों को भी बंद कराया। चरस, स्मैक गांजा तस्करों को भी गिरफ्तार कर जेल भिजवाया।
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सुमित रामटेके को मिली बाबूपुरवा सर्किल की नई जिम्मेदारी
बिल्हौर। आईपीएस सुमित सुधाकर रामटेके को कानपुर के संवेदनशील इलाके बाबूपुरवा के सहायक पुलिस आयुक्त पद की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह इसके अलावा सहायक पुलिस आयुक्त लाइंस एवं भवन का अतिरिक्त कार्यभार भी देखेंगे। यहां पर उन्हें नई तरह की चुनौतियों से निपटना पड़ेगा। यह क्षेत्र शहर में अपराधियों का ठिकाना माना जाता है।