
नरवल में प्रेमी संग रहने की ज़िद ने छीनी ममता की परिभाषा, मनीषा ने मासूम को मारकर खुद रच डाली बर्बरता की मिसाल
रिपोर्ट: शिवांक अग्निहोत्री, स्वराज इंडिया, कानपुर ब्यूरो
कानपुर | नरवल: ममता और वहशत के बीच फर्क मिटा देने वाली दिल दहला देने वाली वारदात में एक मां ने अपने तीन साल के मासूम बेटे की निर्मम हत्या कर दी। घटना नरवल थाना क्षेत्र के प्रतापपुर गांव की है, जहां मनीषा नामक महिला ने पहले अपने बेटे अनुरुद्ध का गला ताबीज के धागे से घोंटा और फिर हाथों से दबाकर उसकी सांसें छीनीं। लेकिन यहीं उसका राक्षसी मन नहीं रुका — उसने बेटे के चेहरे को दांतों से चबा डाला, ऐसा ज़ख्म दिया जिसे देखकर रूह कांप जाए।वारदात के बाद मनीषा ने बेटे की लाश को घर की छत पर ले जाकर उसके बाबा के पास लिटा दिया और ऊपर से चादर ढक दी — जैसे कुछ हुआ ही न हो। नीचे आकर वह रसोई में खाना बनाने लगी। किसी ने नहीं सोचा था कि चूल्हे की आंच के साथ ही एक बच्चे की हत्या की आग भी जल चुकी है।
प्रेमी के लिए घर छोड़ा, बेटे को बताया ‘बाधा’ — फिर रची साजिश
करीब एक महीने पहले मनीषा गांव के ही एक युवक के साथ भाग गई थी। पति सुशील यादव, जो किसानी के साथ-साथ प्राइवेट नौकरी भी करता है, उसे बेटे की दुहाई देकर तीन दिन पहले ही वापस लाया था। लेकिन प्रेम की अंधी चाह में डूबी मनीषा के इरादे बदल चुके थे। वह हर रोज अपने प्रेमी के पास लौटने की जिद पर अड़ी रहती और पति से विवाद करती।सूत्रों के अनुसार, मनीषा ने अपने मासूम बेटे को ही अपने “नए जीवन” की राह में सबसे बड़ी रुकावट मान लिया था। घटना वाले दिन उसने बेटे को छत पर सोने को भेजा, पति को दूध लाने और फिर कोल्ड ड्रिंक लेने भेजा — और अकेले घर में रहकर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे डाला। पुलिस पूछताछ में मनीषा ने हत्या की बात स्वीकार की है।

तीसरी संतान की हत्या, पहले दो की मौत भी रहस्यमयी — अब सवालों के घेरे में मां
अनुरुद्ध, मनीषा और सुशील की तीसरी संतान था। इससे पहले डेढ़ साल पहले उनकी एक बेटी लक्ष्मी और बेटा अनुराग भी संदिग्ध परिस्थितियों में दम तोड़ चुके थे। तब बिना पुलिस को सूचना दिए जल्दबाज़ी में अंतिम संस्कार कर दिया गया था। अब तीसरी संतान की निर्मम हत्या के बाद गांववालों और परिवार में यह आशंका गहराने लगी है कि पहले दोनों बच्चों की मौत भी मनीषा ने ही की होगी।पीड़ित पति सुशील यादव ने नर्वल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मनीषा के प्रेमी से पैसे लेकर पुलिस ने पहले ही सुलह करवा दी थी और कोई कार्रवाई नहीं की। यदि समय रहते कानून सख्ती दिखाता, तो शायद अनुरुद्ध की जान बच सकती थी।डीसीपी पूर्वी सत्यजीत गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर जांच का जिम्मा संभाल लिया है। आरोपी महिला हिरासत में है और उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि रिश्तों के गिरते मानकों और सामाजिक अपसंस्कृति का भी भयावह आईना दिखाती है।
यह खबर सिर्फ एक अपराध की रिपोर्ट नहीं, एक सभ्यता की चेतावनी है। जब रिश्ते हवस और हठ की बलि चढ़ने लगें, तो सवाल सिर्फ न्याय का नहीं, समाज की आत्मा का होता है।
